- कोई भी व्यक्ति इस NGO से कैसे जुड़े?
आप Contact us पेज पर क्लिक कर के अपने सन्देश हम तक प्रेषित कर सकते है। आप निचे दिए गये नंबर पर कॉल या WhatsApp कर सकते है, साथ ही आप ईमेल के माध्यम से भी हमसे संपर्क कर सकते है।
2. क्या यह NGO सरकारी मान्यता प्राप्त है?
जी हाँ! राजप्रेमदीप एक NGO से कही अधिक सामाजिक गतिविधियों का विस्तार है जहा हम बालश्रम को अध्ययन, बेरोजगारों को रोजगारपूरक अवसर, हर पेट अन्न और हर माथे पर छत आदि का विचार सत्रह ही विस्तार कर रहे है। देश के बहुत सारे लोग हमारी मदद को आगे आ रहे है और आपसे भी हम एक देश एक परिवार उन्मूलन पर सहयोग के आभारी है।
3. इस NGO का उद्येश्य क्या है? यह कैसे काम करता है?
राजप्रेमदीप ट्रस्ट, हमारी आदरणीय संस्थापिका महोदया श्रीमती रजनी भास्कर, “नाम्या” जी के अपने स्वयं के विचारों से प्रेरणाश्रोत है। इस से बड़ी बात और क्या हो सकती है वह स्वयं अपना जीवन इस NGO के माध्यम से लोगो के सेवा में समर्पित करने का निर्णय ले चुकी है। हिंदी साहित्य को NGO से जोड़ना और जीवनपर्यंत समाज के उत्थान में कार्यरत होना ही हमारी आदरणीया का लक्ष्य है। अपने बहुमुखी प्रतिभासंपन्न टीम के सभी माननीय सदस्यों द्वारा समाज में चहुओर पहुँच बनाना और हर पेट भोजन, हर नन्हे बालक के हाथ में किताब, और गरीबी हटाओ रोजगार दिलाओ का ही उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य बनाया है। सभी सदस्यजन अपने भरपूर सहयोग से पूज्यनीय रजनी भास्कर जी की मदद करने का काम करते है।
4. राजप्रेमदीप ट्रस्ट की फंडिंग कहा से आती है?
इस NGO की फंडिंग का मुख्य श्रोत आप सभी श्रोतागण ही है। आपके निरंतर स्वेक्षा से प्रेषित रकम और साहित्य संगिनी के माध्यम से जो भी कमाई होती है उसका पूर्णरूपेण उपयोग जनहित के कार्यो में लगाया जाता है। इसकी फंडिंग के अन्य शतत श्रोतों के लिए हम हमेशा कार्यरत है क्युकी हमारा लक्ष्य बहुत बड़ा है और हमारा प्रयास अधिकाधिक लोगों तक पहुँच बनानी है।
5. साहित्य संगिनी इस NGO से कैसे जुड़ा हुवा है?
साहित्य संगिनी इस NGO की मुख्यधारा भी है, जिसके माध्यम से हम सुदूर बैठे सभी सदस्यों को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ते है। यह NGO उबाऊपन का एह्साह ना दे इसलिए लेखन, साहित्य, विभिन्न तरह की प्रतियोगिता, पुस्तकों का विमोचन, ऑनलाइन साहित्य को आम जनमानस तक उपलब्ध करना आदि को मुख्यधारा से जोड़ा गया है, जिससे अगर कोई भी नया व्यक्ति जुड़ता है तो विभिन्न एनी कलाओं में अपने रूचि अनुसार मनोरंजन भी कर सकता है। आपके लेख, पुस्तकों और विभिन्न अन्य श्रोतों के माध्यम से जब आम जनमानस तक पहुचंते है तो आपको स्वयं काफी सुखद अनुभूति होती है, वही हमारा लक्ष्य है।
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